लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बुधवार को स्मारक समिति के साथ बैठक की। उन्होंने प्रबंधकों को निर्देशित किया कि सभी स्मारकों में फीडबैक रजिस्टर रखे जाएं, ताकि वहां आने वाले पर्यटक उसमें अपना फीडबैक दे सकें। उपाध्यक्ष ने कहा कि भविष्य में हम इन्हीं फीडबैक के आधार पर स्मारकों में सुविधाओं को उन्नत और विकसित करेंगे। इसी के साथ उपाध्यक्ष ने अफसरों को सख्त निर्देश दिए कि सभी स्मारक अच्छी स्थिति में रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि वह स्वयं औचक निरीक्षण करके स्मारकों का हाल देखेंगे।
प्राधिकरण भवन के सभागार में आयोजित इस बैठक में प्रबंधक प्रशासन अभिनव सिंह ने कार्यो की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने उनसे स्मारकों में तैनात कर्मचारियों की संख्या, बजट, व्यय और रेवेन्यू समेत अन्य चीजों का ब्योरा लिया। उन्होंने सातों स्मारकों की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए, जिसमें प्रत्येक स्मारक के आय के साधन और वहां किये गए कार्यों में हुए खर्च का ब्योरा समेत अन्य बिंदु शामिल हों। उपाध्यक्ष ने कहा कि हमें स्मारकों में जन सुविधा के सभी कामों को तुरंत कराना होगा। इसी के साथ हमें यह भी देखना होगा कि स्मारकों में ऐसे कौन से नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएं, जिनसे आय के साधन सृजित हों और रेवेन्यू बढ़े। बैठक में प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार ने बीते दिनों किए गए निरीक्षण में साफ-सफाई की कमी और मरम्मत के कुछ लंबित कार्यों को लेकर चर्चा की। इस पर उपाध्यक्ष ने सख्त लहज़े में कहा कि हमें सरकार की मंशा के अनुरूप स्मारकों को बेहतर स्थिति में रखना है। उन्होंने प्रबंधकों को निर्देश दिए कि स्मारकों में मरम्मत आदि के सभी छोटे बड़े कार्यों को तुरंत चिन्हित करके पूरा करवाएं और 26 अगस्त को समिति की अगली बैठक में इन सभी कार्यों की रिपोर्ट उनके समक्ष प्रस्तुत करें।
उपाध्यक्ष ने कहा कि स्मारक समिति में कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त है। इसके बाद भी स्मारकों की व्यवस्था में किसी तरह की ढिलाई पाई गई तो संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हो तो स्मारक समिति के स्टाफ की विशेष ट्रेनिंग कराई जाए। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजें, जिसे उच्चीकृत शिक्षण संस्थान के माध्यम से करवाया जाएगा।