समाजवादी पार्टी के नेता और प्रवक्ता आईपी सिंह ने भी उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार पर हमला करने के लिए उसी फेक न्यूज को हथियार बनाया है, जिसकी वजह से बीते दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भारी फजीहत झेलनी पड़ी थी। दरअसल, सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने यूपी पुलिस पर एक निहत्थी महिला की पिटाई करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह आरोप सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर के माध्यम से लगाया।
सपा प्रवक्ता ने ट्वीट कर पुलिस पर लगाए आरोप
सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने मंगलवार को एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि योगी की पुलिस का गुंडा एक महिला के ऊपर बैठकर उसे पीट रहा है। आईपीसी या सीआरपीसी के तहत कौन सा कानून पुलिस को महिला को पीटने का अधिकार देता है? सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को पुलिस स्टेट बना दिया है। यूपी में बहनें और महिलाएँ सुरक्षित नहीं हैं। मानवाधिकार आयोग खामोश है। यह एक अघोषित आपातकाल है। इसके साथ ही उन्होंने फोटो भी ट्वीट की जिसमें एक पुलिसकर्मी महिला पर बैठा नजर आ रहा है।
हालांकि, उनके इस ट्वीट के बाद कानपुर देहात पुलिस ने एक बार फिर से दावों को खारिज कर दिया। हालांकि इसके बावजूद अभी तक आईपी सिंह ने अपने ट्वीट को हटाया नहीं है।
इसके पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी बीत 17 जुलाई को इस तस्वीर को ट्वीट कर योगी सरकार को आड़े हाथों लेने की कोशिश की थी। हालांकि बाद में यह खबर फेक निकलने के बाद उन्हें भारी फजीहत का सामना करना पड़ा था।
एक समाचार पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस के मुताबिक भोगनीपुर थाना प्रभारी महेंद्र पटेल पंचायत चुनाव में एक प्रत्याशी को कथित रूप से धमकाने वाले शिवम यादव को गिरफ्तार करने दुर्गादासपुर गाँव गए थे। आरोपित की पत्नी और माँ उसे गिरफ्तारी से बचाने के लिए बीच में आ गईं।
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आरोपित की पत्नी आरती यादव ने महेंद्र पटेल को कॉलर से जमीन पर खींच लिया। कानपुर देहात पुलिस ने भी उस घटना का पूरा वीडियो जारी किया था। घटना के उस लंबे वीडियो में महिला पुलिस अधिकारी को छेड़छाड़ के झूठे आरोप में फँसाने के लिए अपना ब्लाउज उतारने की कोशिश कर रही थी। एक शख्स को पुलिस वाले को उकसाते हुए भी देखा गया। वीडियो से यह स्पष्ट था कि पुलिस अधिकारी पीड़ित था।