पंजाब के बाद अब हरियाणा में भी कांग्रेस में आपसी कलह शुरू हो गई है। दरअसल, पंजाब की तरह भी हरियाणा में भी कांग्रेस दो गुटों में बंट चुकी है। अब इन दोनों गुटों ने दूसरे गुट के नेता पर हमला बोलना भी शुरू कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा की कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रभारी विवेक बंसल से मुलाक़ात की है। इस मुकालात के दौरान हुड्डा समर्थकों ने शैलजा को हटाकर सूबे की कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सौंपने सौंपने की मांग की है।
हरियाणा अध्यक्ष के खिलाफ उठे बगावती सुर
मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा के 31 विधायकों में से 19 विधायकों ने बीते दिन दिल्ली जाकर कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल से मुलाक़ात की थी। इस मुलाक़ात के दौरान इन विधायकों ने शैलजा को हटाकर सूबे की कमान हुड्डा को सौंपने की मांग की। बादली से विधायक कुलदीपक वत्स ने कहा कि हमने अपने दिल की बात बता दी, भूपेंन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में चुनाव होना चाहिए, दीपेन्द्र हुड्डा भी हमारे नेता हैं। पार्टी में कोई लड़ाई नहीं है।
उधर कुमारी शैलजा के करीबी सूत्रों ने कहा कि ऐसा करके हुड्डा हरियाणा में बीजेपी का हाथ मज़बूत करने की कोशिश कर रहे हैं और ये वहीं हुड्डा हैं जो कि बाग़ी G23 समूह का भी अहम हिस्सा हैं।
कुमारी शैलजा के करीबी सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही संगठन मे कुछ बदलाव होने हैं और हुड्डा बजाए अपने लोगों के नाम देने के ये विद्रोह इसलिये भी करा रहे हैं क्योंकि उनको डर हैं कि संगठन में नए फेरबदल से कही उनकी पकड़ ना कमज़ोर पड़ जाए।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कुमारी शैलजा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले ये 19 विधायक अगले महीने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बाद में राहुल गांधी से मिलकर भी यहीं मांग रखेंगे। आपको बता दें कि एक तरफ जहां हुड्डा बड़े जाट नेता हैं, वहीं कुमारी शैलजा कांग्रेस का प्रभावशाली दलित चेहरा हैं। हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री हैं तो कुमारी शैलजा पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहीं हैं और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की भरोसेमंद भी मानी जाती हैं।