पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा की राज्य इकाई में जारी उठापटक के बीच पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ कोलकाता स्थित भाजपा कार्यालय के बाहर शुक्रवार को ‘वापस जाओ’ के पोस्टर लगे मिले। सेंट्रल एवेन्यू स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय और हैस्टिंग स्थित दूसरे अहम भाजपा कार्यालय में लगे पोस्टरों में पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रभारी विजयवर्गीय की तस्वीर है और उन्हें ‘सेटिंग मास्टर’ बताया गया है।
कुछ पोस्टरों में विजयवर्गीय और मुकुल रॉय के गले मिलते वक्त ली गई तस्वीर है, जो करीब साढ़े तीन साल तक भाजपा में रहने के बाद इस महीने के शुरु में तृणमूल कांग्रेस पार्टी में लौट गए। एक समय मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद दूसरे सबसे कद्दावर नेता थे। हालांकि, बाद में भाजपा कार्यकर्ताओं ने इन पोस्टरों को हटा दिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने इस घटना के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘इसके लिए तृणमूल जिम्मेदार है। वे हमारे बीच भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहते हैं।’ हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने इन आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें ‘आधारहीन’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल भाजपा आंतरिक संघर्ष के दौर से गुजर रही है और पुराने नेताओं तथा पार्टी में नए आए लोगों के बीच द्वंद्व चल रहा है। यह घटना उसी का नतीजा है।’
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गौरतलब है कि वरिष्ठ भाजपा नेता तथागत रॉय ने पूर्व में सार्वजनिक रूप से, विजयवर्गीय जैसे दूसरे राज्य के नेताओं के अति हस्तक्षेप को विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया था। माना जाता है कि विजयवर्गीय मुकुल रॉय के करीब थे और वह ही उन्हें पार्टी में लेकर आए। राज्य भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, कई जिला इकाईयों और कई नेताओं ने विजयवर्गीय को पश्चिम बंगाल के प्रभारी पद से हटाने की मांग की है।