नारदा घोटाला मामले की जांच के दौरान बीते दिन पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ ममता सरकार के दो मंत्रियों और दो विधायकों की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ सियासी हंगामा बदस्तूर मंगलवार को भी जारी है। दरअसल, इस मामले में गिरफ्तार किये गए तृणमूल कांग्रेस के दो विधायकों मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी की देर रात तबियत खराब हो गई है, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भारती कराया गया है। वहीं इस मामले में गिरफ्तार ममता सरकार के मंत्रियों फिरहाद हकीम और मंत्री सुब्रत मुखर्जी अभी जेल में बंद हैं।
तृणमूल विधायकों को एसएसकेएम अस्पताल में किया गया भर्ती
मिली जानकारी के अनुसार, बीती देर रात मदन मित्रा और सोवन चटर्जी की तबियत अचानक खराब हो गई। इन दोनों ही दिग्गज नेताओं को प्रेसिडेंसी जेल से एसएसकेएम अस्पताल के वुडबर्न ब्लॉक में शिफ्ट किया गया। वहीं, इस मामले में गिरफ्तार दो अन्य नेता व मंत्री फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी अभी भी जेल में ही बंद हैं। उन्हें प्रेसिडेंसी जेल के वीआईपी वार्ड में रखा गया है।
इसके पहले इस मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो है और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने चारों नेताओं को जमानत दे दी, लेकिन रात होते-होते कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक लगा दी। जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके साथ ही अदालत ने इन चारों नेताओं को 19 मई तक हिरासत में रखने का आदेश सुनाया है। इस मामले की अगली सुनवाई भी 19 मई को ही होनी है।
आपको बता दें कि नारदा घोटाले की जांच करते हुए सीबीआई ने सोमवार सुबह इस घोटाले के आरोपी ममता सरकार के कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर पर छापेमारी की थी। साथ ही इन चारों को गिरफ्तार कर पूछ्ताछ के लिए सीबीआई दफ्तर भे लाया गया था। सीबीआई द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत में भूचाल आ गया। नेताओं के समर्थन में प्रदर्शन होने लगा।
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इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीबीआई दफ्तर पहुंची। उन्होंने वहां खुद की गिरफ्तारी भी करने की मांग की। उधर इस गिरफ्तारी से खफा तृणमूल कार्यकताओं ने सीबीआई दफ्तर पर जमकर पत्थरबाजी की। पुलिस ने लाठीचार्ज कर मामले को काबू में किया।