केंद्रीय बलों के जवानों को घेरकर रखने संबंधी बयान को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दे दिया है। शनिवार को आयोग को दिए अपने जवाबी पत्र में ममता ने कहा है कि उनका इरादा केंद्रीय बलों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने का कतई नहीं है।
ममता ने दिया नोटिस का जवाब
गुरुवार को चुनाव आयोग की ओर से दिए गए नोटिस के जवाब में ममता ने लिखा है कि उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं। वह देश की सुरक्षा में सेंट्रल फोर्स के योगदान की सराहना करती हैं और केंद्रीय बलों के लिए उनके दिलो-दिमाग में सर्वोच्च सम्मान है।
तारकेश्वर में कथित तौर पर महिलाओं से छेड़खानी संबंधी केंद्रीय बलों पर लगे आरोपों का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि आज तक चुनाव आयोग ने उन्हें कोई निर्देश तक जारी नहीं किया। ममता ने कहा कि भाजपा द्वारा की गई शिकायतों के बाद कई पुलिस अधिकारियों को हटा दिया गया लेकिन केंद्रीय बलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सेंट्रल फोर्स को घेरकर रखने संबंधी अपने बयान पर सफाई देते हुए ममता ने कहाकि मैंने केवल मतदाताओं को मतदान के लिए आह्वान किया था। मैं मूल रूप से महिलाओं को इसके लिए प्रेरित करना चाहती थी। मेरे कहने का मतलब सिर्फ इतना था कि कोई भी अगर मतदान की राह में रोड़ा बनता है तो उसका विरोध होना चाहिए।
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उल्लेखनीय है कि ममता ने कहा था कि अगर केंद्रीय बलों के जवान परेशान करते हैं तो एक दल उन्हें घेर ले और दूसरा वोट करने जाए। उनके इस बयान के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को नोटिस थमाई थी और जवाब मांगा था।