उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निवासी व मऊ के घोसी लोकसभा से बसपा सांसद अतुल राय ने मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी से जान का खतरा बताया है। इसको लेकर बसपा सांसद अतुल राय ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक तक को पत्र लिखा है।

मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाते थे बसपा सांसद
सांसद अतुल राय ने पत्र में लिखा कि विधायक मुख्तार अंसारी के नैनी जेल में आने से मेरी जान को खतरा होगा। अतुल राय ने वाराणसी, सोनभद्र से लेकर मऊ तक के कई मामलों को भी पत्र में उल्लेख किया है। उन्होंने पत्र में मुख्तार अंसारी गैंग से खतरा बताते हुए नैनी जेल में मुख्तार को शिफ़्ट ना करने का जिक्र करते हुए लिखा है।
गौरतलब हो कि प्रयागराज के नैनी जेल में ही बसपा सांसद अतुल राय बंद है। अतुल राय कभी बाहुबली के सबसे करीबियों में से एक गिना जाता था लेकिन अब उनको मुख्तार अंसारी और उनके गैंग से जान का खतरा है।
अतुल राय उर्फ अतुल सिंह ने अपने ही लेटर पैड पर सीएम, प्रमुख सचिव गृह, कोर्ट सहित आधा दर्जन जिम्मेदारों को चिट्ठिया लिखकर भेजी है।
कभी एक-दूसरे के दिल में रहने वाले दोस्त मुख्तार अंसारी और अतुल राय के बीच अदावत की खबर से जिले का सियासी पारा गरम हो गया है। जिले के दो विधानसभाओं की राजनीति की दिशा और दशा बदल गयी है।
मुख्तार अंसारी और अतुल राय के दोस्ती से मुहम्मदाबाद और जमानियां विधानसभा में राजनीतिक परिदृश्य बदल जाती थी। अतुल राय मुहम्मदाबाद विधानसभा में अंसारी बंधुओं का चुनाव में भरपुर मदद करते थे। जब वक्त अतुल राय का आया तो 2017 के विधानसभा चुनाव में अंसारी बंधुओं ने जमानियां विधानसभा में अतुल राय की भरपूर मदद किया, जिससे मुस्लिम वोट हाथी पर चढ़ गये।
चुनाव परिणाम आने के बाद अतुल राय भले ही चुनाव हार गये लेकिन इस विधानसभा की दिग्गज सपा नेता पूर्व मंत्री को तीसरे नम्बर पर ला दिया। अतुल राय ने समाजवादी किले में सेंध लगाकर मुस्लिम मतदाताओं को अपने टाट पर बिठा दिया था।
लोकसभा 2019 के चुनाव में अतुल राय और मुख्तार अंसारी के बीच मऊ लोकसभा क्षेत्र के दावेदारी को लेकर धीरे-धीरे मतभेद होने लगा। अतुल राय ने बसपा के शर्तों को पूरा करते हुए टिकट प्राप्त करने में सफलता प्राप्त किया लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान विरोधियों ने उन्हे चक्रव्यूह में फंसाकर जेल भेज दिया।
यह भी पढ़ें: बंगाल: नंदीग्राम में शुभेंदु के काफिले पर अचानक हुआ तगड़ा हमला, निशाने पर तृणमूल
अतुल राय के जेल में जाने के बाद उनका खेमा हताश और हार नहीं माना बल्कि उनके धर्म पत्नी के नेतृत्व में जबरदस्त मेहनत करके चुनाव लड़ा और लगभग दो लाख मतों से विजय प्राप्त की। अतुल राय के सांसद बनते ही विरोधी खेमा परेशान हो गया और तरह-तरह के दांव चलने लगा।
अतुल राय के पत्र पर राजनीतिक पंडितों की मानें तो उनकी नाराजगी से अंसारी बंधुओं को मुहम्मदाबाद में और अतुल राय को जमानियां में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। अब नुकसान कितना होगा यह तो आने वाले समय में पता चलेगा।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine