साग के रूप में अथवा सब्जियों में मसाले के रूप में प्रयोग होने वाली मेथी में रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ ही अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता है। सोडियम, जिंक, फास्फोरस, फालिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम कें साथ ही विटामिन ए, बी, सी की भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं।
इस संबंध में आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर एसके राय ने बताया कि इसमें अनेक पोषक तत्वों के साथ ही एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे फोड़, एक्जिमा एवं जली हुई त्वचा को ठीक करने की क्षमता होती है। त्वचा को सुंदर बनाने के लिए भी बहुत उपयोगी है। इससे मुंहासे और त्वचार की समस्याएं दूर हो जाती है। इसके साथ ही बालों के झड़ने में भी उपयोगी हैं। रूसी की समस्या में भी यह कारगर है।
उन्होंने बताया कि इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण बालों के विकास के लिए काफी फायदेमंद है। यह घने बालों को घना और मजबूती प्रदान करने के लिए बहुत उपयोगी है। यह शुगर रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद है। इसमें हय्पोग्लिय्समिक गुण रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। इसके अलावा इसमें निहित फाइबर कार्बोहाइड्रेट एवं शुगर के अवशोषण को धीमा करता है।
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डॉ. राय ने बताया कि इससे स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए इसके बीज का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। इसमें फाइटोस्ट्रोजेन होता है, जो स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध बढाता है। यह गैलेक्टोगाग्स का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है, जो स्तन दूध की मात्रा में बढ़ोत्तरी लाता है। इसके अलावा इसमें एंटी आक्सीडेंट एवं हृदय संरक्षण के गुण भी पाये जाते हैं। इसके बीज में 25 प्रतिशत गैलेक्टोमैनन होता है, जो एक प्रकार का प्राकृतिक घुलनशील फाइबर होता है, जो दिल की बीमारियों को रोकने में मदद करता है। इसके साथ ही कब्ज से मुक्ति दिलाने में भी सहायता करता है।