दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी या वर्चुअल करेंसी के नाम से चल रहे बिटक्वॉइन का क्रेज भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है, लोग ऑनलाइन पैसा कमाने और बड़े अमीर लोग इससे अपनी पूंजी को कम समय में तेजी से बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते है। जिसके चलते कई बार इसकी कीमतें आसमान छू लेती है। इन्हीं सब कारणों से बिटक्वॉइन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसे देखते हुए सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने जा रही है।
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अपने बयान में साफ किया था कि सरकार द्वारा गठित की गई समिति ने सभी वर्चुअल करेंसी को भारत में बैन करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा था कि क्रिप्टो एसेट्रस को अवैध गतिविधियों व पेमेंट सिस्टम से खत्म करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के इस बयान के बाद निवेशकों के बीच यह अनुमान लगाया जा रहा कि सरकार बिटक्वाइन को बैन करने का निणर्य ले सकती है।
बता दें कि इसे पहले 9 फरवरी 2021 को वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में कहा था कि सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी के लिए एक नया बिल लेकर आएगी, क्योंकि मौजूदा कानून इनसे जुड़ी चिंताओं का समाधान करने में सक्षम नहीं हैं। साथ ही ठाकुर ने बताया था कि सरकार ने एक अंतर-मंत्रालीय समिति का गठन किया है, जो वर्चुल करेंसी पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। ठाकुर ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी पर एक बिल को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। हम जल्द ही नया बिल लाएंगे।
क्या कहना है RBI के डिप्टी गवर्नर का
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो ने इसे पहले कहा था कि RBI की आंतरिक समिति केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा जारी करने के तौर तरीकों पर गौर कर रही है और यह जल्दी इस बारे में अपनी सिफारिश देगी। फिलहाल RBI यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि डिजिटल करेंसी को लाने से क्या फायदे होंगे और यह कितना उपयोगी होगा।
आइए जाने क्या है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका इस्तेमाल वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए किया जाता है, लेकिन ऑनलाइन लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी के साथ एक ऑनलाइन लेजर का उपयोग होता है। इन अनियमित मुद्राओं में ब्याज से मिलने वाला अधिकांश लाभ व्यापार के लिए किया जाता है। कई बार इसकी कीमतें आसमान छू लेती है।
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2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने लगाया था बैन
भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को बैन किया था। लेकिन, मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी, जिसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं, उस से ट्रेड को मंजूरी दे दी थी। कोर्ट के इस आदेश के बाद वर्चुअल करेंसी जैसे बिटक्वाइन में कानूनी रूप से लेन-देन किया जा सकता है।