काठमांडू । नेपाल में संसद भंग करने के खिलाफ रविवार को तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों- पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड, माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनल ने काठमांडू में मैत्रीघर के सामने अपने समर्थकों के साथ धरना दिया।
बजट-2021 में चुनाव वाले राज्यों को मिला विशेष महत्व, वित्तमंत्री ने दिया ख़ास तोहफा

नेपाल सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में कलह के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पिछले साल 20 दिसंबर को संसद भंग कर दिया था। पार्टी की तरफ से ओली पर पद छोड़ने के लिए दबाव बढ़ गया था। प्रचंड और माधव कुमार नेपाल एनसीपी के चेयरमैन भी रह चुके हैं। एनसीपी में अब दो फाड़ हो चुका है। प्रचंड के धड़े ने ओली को पार्टी से भी निकाल दिया है।
ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया था। संसद भंग करने के बाद ओली ने इस साल 30 अप्रैल और 10 मई को चुनाव कराने का प्रस्ताव भी रखा है।
पूर्व पीएम खनल ने कहा, ‘प्रतिनिधि सभा की बहाली तक हमारा विरोध जारी रहेगा। हम पूरी ताकत के साथ इसके खिलाफ लड़ेंगे। इसके लिए धरना दिया जाएगा, बड़ी रैलियां आयोजित की जाएंगी, जनसभाओं इत्यादि का आयोजन किया जाएगा।’
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine