सौदे की बाकी 10 हजार मशीन गन इसी साल मार्च तक मिलेंगी सेना को, इजराइली एलएमजी से मोर्चों पर तैनात सैनिकों की बढ़ेगी मारक क्षमता
नई दिल्ली। चीन के साथ गतिरोध बढ़ने से पहले ही पिछले साल इजराइल से खरीदी गईं 16 हजार 479 लाइट मशीन गन (एलएमजी) में से पहली खेप में छह हजार एलएमजी सेना को मिल गई हैं। इन मशीन गनों को सेना के केंद्रीय आयुध भंडार, जबलपुर भेज दिया गया है। इस सौदे की बाकी 10 हजार मशीन गन इसी साल मार्च के अंत में आने की उम्मीद है। मौजूदा समय में सीमा के अग्रिम मोर्चों पर तैनात भारतीय जवान इंसास राइफलों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसके मुकाबले में इजराइली एलएमजी अचूक निशाना लगाने का दायरा बढ़ाकर सैनिकों की मारक क्षमता बढ़ाएगी।
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चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर तैनात अग्रिम पंक्ति के सैनिकों के लिए भारतीय सेना ने फरवरी, 2020 में अमेरिकी कंपनी ‘सिग सॉयर’ से आधा किलोमीटर दूरी तक मार करने की क्षमता वाली 72 हजार 400 असॉल्ट राइफलें खरीदी थीं। यह 7.62 गुणा 51 मिमी. कैलिबर की बंदूकें हैं, जो 647 करोड़ रुपये के फास्ट-ट्रैक प्रोक्योरमेंट (एफटीपी) सौदे के तहत खरीदी गई थीं। अमेरिका से आपूर्ति होने पर इन असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल भारतीय सेना अपने आतंकवाद-रोधी अभियानों में करने लगी। इसलिए सीमा पर तैनात सैनिकों के हाथों में पुरानी इंसास राइफलें ही बनी रहीं जिनका निर्माण स्थानीय रूप से आयुध कारखानों बोर्ड ने किया था। यह राइफलें सैनिकों को मारक क्षमता के मामले में कमजोर साबित कर रही थीं, इसलिए सरकार ने सीमा के जवानों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए इजराइली एलएमजी और अमेरिकी असॉल्ट राइफलें खरीदने का फैसला लिया।
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भारतीय सेना ने लगभग 13 लाख की क्षमता वाले भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतें पूरी करने के लिए पिछले साल 19 मार्च को इजराइल से 16 हजार 479 लाइट मशीन गन (एलएमजी) खरीदने का सौदा 880 करोड़ रुपये में किया था। यह खरीद फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत की गई थी। इस बीच मई, 2020 से पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव बढ़ने लगा तो भारतीय सेना हथियारों के लिहाज से अपनी ताकत में और इजाफा करने में जुट गई। इस बीच केंद्र सरकार से 800 करोड़ का इमरजेंसी फंड मिलने के बाद सेना ने हथियार खरीदने के लिए अमेरिका और इजराइल की कंपनियों को कई ऑर्डर दिए हैं। जुलाई में भारत आई इजरायल रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय टीम से लाइट मशीन गन (एलएमजी) की आपूर्ति जल्द से जल्द करने को कहा गया। इसी के तहत इजराइल ने पहली खेप के रूप में सेना को जनवरी के मध्य में ही छह हजार एलएमजी की आपूर्ति कर दी है।
इजराइल से मिलीं इन 6 हजार मशीन गनों को सेना के केंद्रीय आयुध भंडार, जबलपुर भेज दिया गया है। इस सौदे की बाकी 10 हजार मशीन गन इसी साल मार्च के अंत में आने की उम्मीद है। पूर्वी लद्दाख में चीन से सैन्य टकराव के बीच केंद्र सरकार ने 28 सितम्बर को भारतीय सेनाओं की जरूरत को देखते हुए हथियारों की खरीद के लिए 2,290 करोड़ रुपये मंजूर किये थे। इसलिए भारतीय सेना ने दूसरी खेप में अमेरिका से 72 हजार असॉल्ट राइफलें खरीदने के प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) से अंतिम रूप देने की तैयारी है। इजराइली एलएमजी के साथ यह नई अमेरिकी नई असॉल्ट राइफलें भी चीन और पाकिस्तान के अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों को दी जानी हैं जो सेना के पास इस समय मौजूद इंसास राइफलों का स्थान लेंगी।