बीते दिनों बीजेपी सांसद साक्षी महाराज द्वारा AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को लेकर दिए गए बयान ने सियासी गलियारों में जमकर हड़कंप मचा रखा है। उनके इस बयान को लेकर कई विपक्षी पार्टियां बीजेपी और ओवैसी पर निशाना बनाए हुए हैं। इसी क्रम में इस बार अब बीजेपी के पुराने साथी शिवसेना ने भी ऐसा ही हमला बोला है। दरअसल, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से ओवैसी और बीजेपी को आड़े हाथों लिया है।
शिवसेना ने बीजेपी पर बोला बड़ा हमला
दरअसल, शिवसेना ने बीजेपी को घेरते हुए अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा ओवैसी साहब की पोल खोल दिए जाने से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। ओवैसी मियां की AIMIM मुसलमानों की तारणहार नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी का अंगवस्त्र है, ऐसी शंका लोगों को थी ही। लेकिन भाजपा के प्रमुख नेता साक्षी महाराज ने अब डंके की चोट पर कहा है, ‘हां, मियां ओवैसी बीजेपी के ही पॉलिटिकल एजेंट हैं और ओवैसी की सहायता से ही हम चुनाव जीतते रहते हैं।
शिवसेना ने आगे लिखा है कि साक्षी महाराज ने लोगों के इस भ्रम को दूर करके साबित कर दिया है कि कमल के फूल के भंवरा मियां ओवैसी ही हैं।
बिहार चुनाव में ओवैसी की भूमिका और बीजेपी को मिले फायदे को लेकर शिवसेना ने कहा है कि बिहार में ओवैसी ने मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्रों में पांच सीटें जीतीं और लगभग 17-18 सीटों पर तेजस्वी यादव का नुकसान किया वरना बिहार में राजनीतिक परिवर्तन अवश्य हुआ होता। मुसलमानों के वोट ‘सेक्युलर’ छाप राजग, समाजवादी पार्टी या कांग्रेस की ओर न जाने पाए, उन्हें एकतरफा वोट न मिले, इसके लिए मियां ओवैसी का बाकायदा उपयोग किया जाता है।
शिवसेना ने पश्चिम बंगाल में ओवैसी की एंट्री पर भी सवाल उठाते हुए लिखा है कि बिहार के चुनाव से यह बात साफ हो गई है। राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों ने ओवैसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मुस्लिम वोट काटकर भाजपा को फायदा हो, इसके लिए ही मियां ओवैसी की हलचल बनी रहती है, ऐसा आरोप ये लोग लगा रहे थे। तब तक ठीक था लेकिन भाजपा के ही एक कुनबे से यह सब घोषित तौर पर कहा जाने लगा है। पश्चिम बंगाल में मियां ओवैसी ने जो काम शुरू किया है, उससे भाजपा का चेहरा आनंद से खिल उठा है।
शिवसेना के सामना के संपादकीय में लिखा कि ओवैसी की सहायता से भाजपा को बंगाल जीतना है, मतलब हिंदुत्व विरोधी शक्ति का उपयोग कर के ही हिंदुत्व की जय-जयकार करनी है। मियां ओवैसी एक अच्छे कानूनी जानकार हैं, उनकी जो भी राजनीति है, वो रहे उनके पास, मुसलमानों का जीवन स्तर सुधरे, मुसलमानों को मुख्यधारा में लाकर उनके जीवन के अंधेरे और धर्मांधता को दूर करने के लिए ओवैसी जैसे विद्वानों ने काम किया तो देश का भला होगा लेकिन हिंदुस्तान के पेट में बढ़ने वाले दूसरे पाकिस्तान को अधिक जहरीला धर्मांध बनाकर ये लोग राजनीति कर रहे हैं। उनकी राजनीति हिंदू द्वेष पर आधारित है।
ओवैसी के परिवार द्वारा अतीत में दिए गए बयानों पर शिवसेना लिखती है कि उन्होंने (ओवैसी) और उनके परिवारवालों ने पिछले दिनों जिस प्रकार के तीखे बयान दिए, वे धक्कादायक हैं। ‘25 करोड़ मुसलमान 100 करोड़ हिंदुओं पर भारी पड़ेंगे। पुलिसवालों को एक तरफ कर दो, फिर देखो हम क्या करके दिखाते हैं’। इस प्रकार के उग्र बयान ओवैसी के भाई घोषित तौर पर देते हैं। अब यही ओवैसी भाजपा के विजय रथ का मुख्य पहिया बने हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ओवैसी जैसे लोगों की मदद लेकर फायदे की राजनीति करती है। फिर ये लोग ऐसी ‘लफ्फाजी’ करते हुए घूमते हैं कि देखो, हम राष्ट्रवादी या हिंदुत्ववादी हैं।
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शिवसेना ने संपादकीय में लिखा कि मियां ओवैसी की पार्टी उनकी ही एक गुप्त शाखा है, उन्हें यह स्वीकार करना होगा। ऐसी कई गुप्त शाखाएं उन्होंने हर राज्य में पाल-पोसकर रखी हैं। इनका जोर मत विभाजन पर ही है और महाराष्ट्र की मनपा तथा अन्य चुनावों में भी ऐसे मत विभाजन करनेवाले ‘यंत्र’ बनाकर रखे हैं।