कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों को समर्थन देते हुए विपक्ष ने केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अभी बीते दिन जहां कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने दिल्ली ने मार्च निकाला था, वहीं अब समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में चौपाल की राजनीति अपनाई है। दरअसल, सपा कार्यकर्ता शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सभी गाँवों में चौपाल लगाकर किसानों से बातचीत करते नजर आएंगे।
सपा ने बनाया है यह प्लान
इस विषय में जानकारी देते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों के साथ बीजेपी राज में सबसे ज्यादा अन्याय हुआ है। सपा सूबे भर में कृषि कानूनों को खिलाफ गांव-गांव किसान घेरा कार्यक्रम करेगी। समाजवादी पार्टी किसानों की अपनी पार्टी है। ऐसे में किसानों के संघर्ष में हम उनके साथ हैं। सपा किसान घेरा कार्यक्रम के जरिए किसानों तक अपना समर्थन पहुंचाने के साथ सपा सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी देगी।
सपा किसान घेरा कार्यक्रम के तहत सपा के प्रमुख नेता यूपी के गांवों में अलाव के साथ ग्रामीणों से कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे। साथ ही उनके संघर्षों में सहयोग का भरोसा भी जताएंगे। सपा सपा ने इस कार्यक्रम के लिए पार्टी के 132 बड़े नेताओं और पदाधिकारियों की फेहरिस्त तैयार की है, और उन्हें एक-एक गांव में चौपाल लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि नेता विरोधीदल विधानसभा राम गोविंद चौधरी बलिया में, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम लखनऊ में, सांसदों में शफीकुर्रहमान बर्क मुरादाबाद में, एसटी हसन मुरादाबाद देहात में, चन्द्रपाल सिंह यादव झांसी, विशम्भर प्रसाद निषाद फतेहपुर में व पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव बदायूं के एक गांव में किसान घेरा चौपाल में शामिल होंगे।
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सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि चौधरी चरण सिंह ने गांव और किसानों पर काम करने के लिए उनको काफी अधिकार दिया। चौधरी साहब ने ही मंडी कानून बनाने की पहल की थी, लेकिन मोदी सरकार कृषि कानून लाकर उसे ही खत्म कर रही है। ऐसे में सपा किसान दिवस के मौके पर किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होना चाहती है। सपा नए कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू से यही मांग कर रही है कि इसे खत्म किया जाए।