सुरक्षा, स्वावलंबन और सम्मान… यूपी में मिशन शक्ति के तहत योगी सरकार कर रही महिलाओं के हक की बात… यूपी के सभी जनपदों में अभियान के जरिए महिलाओं व बेटियों को जमीनी स्तर पर सुविधाएं दिलाने के साथ ही उनको अपने अधिकारों के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए गोमतीनगर निवासी अर्चना सिंह महिलाओं व बेटियों को शिक्षा व रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रहीं हैं। बेटियों के भविष्य को रोशन करने संग पीड़ित महिलाओं की समस्याओं का निवारण कर उनकी बेरंग जिन्दगी में रंग भर उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेर रहीं हैं।
महिलाओं व बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करने वाली अर्चना साल 2015 से अब तक लगभग 10 हजार महिलाओं व बेटियों को कौशल विकास योजना के तहत रोजगार दिला चुकीं हैं। अर्चना सिंह ने बताया कि मैंने साल 2015 में बनारस की एक एनजीओ से जुड़कर समाज सेवा का कार्य शुरू किया जिसके बाद मैं साल 2016 में आशा ज्योति केन्द्र (वन स्टॉप सेंटर) से बतौर इंचार्ज जुड़ी। इस दौरान मैंने एक ओर ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए उनको सरकारी सुविधाएं दिलाने का काम किया तो वहीं दूसरी ओर बेटियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ उनको शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। मिशन शक्ति के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं संग हेल्पलाइन की विस्तृत जानकारी देकर महिलाओं को सेंटर द्वारा जागरूक किया जा रहा है। मेरा मानना है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस वृहद अभियान से प्रेरणा लेकर अन्य राज्य सरकारों को भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए।
एसिड पीड़ित महिलाओं को दिलाई नौकरी
अर्चना ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में एसिड पीड़ित महिलाओं में आत्मविश्वास की लौ जगाकर उनको आत्मनिर्भर बनाया है। अर्चना ने एसिड पीड़ित महिलाओं को न केवल सहारा दिया बल्कि उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वर्णिम योजनाओं का लाभ दिलाकर रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ने का भी कार्य किया है। वो बताती हैं कि मैंने पिछले दो सालों में लगभग 50 एसिड पीड़िताओं को आर्थिक व मानसिक तौर पर मजबूती देने का कार्य किया है। इसके साथ ही पीड़िताओं के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहित करते हुए समाज कल्याण विभाग की योजनाओं के तहत बच्चों का दाखिला स्कूलों में भी कराया है।
ग्रामीण अंचल की बेटियों में जगाई शिक्षा की अलख
राजधानी समेत दूसरे जनपदों से जुड़े ग्रामीण अंचलों की बेटियों का दाखिला प्राथमिक स्कूल में कराने संग वो उनकी ड्रेस व किताबों का खर्चा पूरी तौर पर उठा रहीं हैं। ग्राम प्रधान से मिलकर अर्चना ने अब तक 500 बच्चों का दाखिला प्राथमिक विद्यालयों में कराया है। मिशन शक्ति के तहत एनजीओ के साथ मिलकर उन्होंने जहां गरीब परिवार की बेटियों के विवाह में आर्थिक रूप से मदद की है वहीं लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के खाने-पीने समेत उनके रहने की व्यवस्था का भी पूरा जिम्मा संभाला।
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65 बंधक बच्चों को कराया मुक्त
राजधानी समेत आस-पास के इलाकों में बंधक बने 65 नाबालिग बच्चों को मुक्त कराकर उनकी घर वापसी और आश्रय दिला उनके बचपन को संवारने का काम उन्होंने बखूबी किया है। घेरलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को निशुल्क कानूनी सलाह दिलवाने के साथ ही उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाकर आर्थिक तौर पर उनको मजबूत बनाया है।
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यूपी की बेटी के कार्यों को राष्ट्रपति ने सराहा
महिलाओं व बेटियों के लिए किए गए कार्यों के लिए अर्चना को कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। आशा ज्योति केन्द्र द्वारा महिलाओं व बेटियों के लिए किए गए सकारात्मक कार्यों के लिए उनकी टीम को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। वो नारी शक्ति पुरस्कार, विस्तार रत्न, नारी प्रेरक सम्मान समेत कई सम्मानों से नवाजी जा चुकीं हैं।