नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान सेवा कार्यों के लिए काशीवासियों की तारीफ की है। उन्होंने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कुछ गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) के प्रतिनिधियों से गुरुवार को बातचीत के दौरान कहा कि मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ के दूत बनकर काशी के लोग हर जरूरतमंद तक पहुंचे।
ये भगवान शंकर का ही आशीर्वाद है कि कोरोना के इस संकट काल में भी हमारी काशी उम्मीद से भरी हुई है, उत्साह से भरी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोजपुरी से संबोधन की शुरूआत करते हुए कहा, “हर-हर महादेव। काशी के पुण्य धरती के आप सब पुण्यात्मा लोगन के प्रणाम हौ।”
उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग से एनजीओ प्रतिनिधियों से कहा, “ये सही है कि लोग बाबा विश्वनाथ धाम नहीं जा पा रहे, ये सही है कि मानस मंदिर, दुर्गाकुंड, संकटमोचन में सावन का मेला नहीं लग पा रहा है। लेकिन ये भी सही है कि इस अभूतपूर्व संकट के समय में और मेरी काशी, हमारी काशी ने, इस अभूतपूर्व संकट का डटकर मुकाबला किया है। आज का ये कार्यक्रम भी तो इसी की एक कड़ी ही है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कितनी भी बड़ी आपदा क्यों न हो, कोई काशी के लोगों की जीवटता का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। जो शहर दुनिया को गति देता हो, उसके सामने कोरोना क्या चीज है। मुझे बताया गया है किए कोरोना के कारण काशी में डिजिटल अड़ी शुरू हो गई है। अलग-अलग क्षेत्र की विभूतियों ने परंपरा को जिंदा किया है।
पीएम मोदी ने कहा, “आप सभी के लिए तमाम संगठनों के लिए, हम सभी के लिए ये बहुत सौभाग्य की बात है कि इस बार गरीबों की सेवा का माध्यम भगवान ने हमें बनाया। एक तरह से आप सभी मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ के दूत बनकर हर जरूरतमंद तक पहुंचे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पुरानी मान्यता है कि एक समय महादेव ने खुद मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। तभी से काशी पर ये विशेष आशीर्वाद रहा है कि यहां कोई भूखा नहीं सोएगा, मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ, सबके खाने का इंतजाम कर देंगे।
उन्होंने कहा कि कम समय में फूड हेल्पलाइन और कम्यूनिटी किचन का व्यापक नेटवर्क तैयार करना, हेल्पलाइन विकसित करनाए डेटा साइंस की मदद लेना, वाराणसी स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का भरपूर इस्तेमाल करना यानि हर स्तर पर सभी ने गरीबों की मदद के लिए पूरी क्षमता से काम किया।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने एनजीओ प्रतिनिधियों से उनके विचार जाने। समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े प्रतिनिधियों ने बताया कि किस तरह से उन्होंने वाराणसी में जरूरतमंदों की मदद की