ब्रज में 45 दिन तक चलने वाले होली महोत्सव का हुआ आगाज, बरसने लगा गुलाल

ब्रज में होली का उल्लास मंगलवार को बसंत पंचमी से शुरू हो गया है। ब्रज के मंदिरों में होली के राग गूंजने लगे हैं, गुलाल भक्तों पर बरसने लगा है। समूचे बृज के साथ ब्रज के राजा की दाऊजी के मंदिर में भी 45 दिनी होली महोत्सव की शुरुआत बसंतऋतु से हो गयी है। ढांडा गढ़ने के साथ-साथ बसंत पर भक्तों ने अपने ब्रज के राजा दाऊजी महाराज के साथ गुलाल की होली खेली।

बसंत पंचमी पर भक्तों ने ब्रज के राजा दाऊजी संग खेली होली

विदित रहे बड़े भागन ते जे फागुन आयो, होली खेल ले सखी हमारी, रसिया को नार बनाओ री, रसिया को। आदि दिव्य होली के समुधुर गीतों पर होली का भव्य आनंद वंसतऋतु से भक्त लेंगे। वसंत से ब्रज राजा के प्रांगण में प्रतिदिन समाज गायन की शुरुआत हो चुकी है। इसके अलावा गोपी भी मंदिर प्रांगण में होली के समुधुर गीतों पर नृत्य गायन करेंगी। इन गोपियों के नृत्य से समूचा बलदेव होलीमय आनंद में जीवंत हो उठेगा।

ब्रज में 45 दिन तक चलने वाले होली महोत्सव का हुआ आगाज

प्रतिदिन भव्य श्रृंगार के दर्शन ब्रजराज अपने भक्तों को देंगे। समाज गायन में ढप, ढ़ोलक, झांझ, मंजीरा आदि की दिव्य धुन सुनाई देगी। इसी दिव्य धुन पर बाहर से आने वाले श्रद्धालु अपने आपको धन्य समझते हुए थिरकने लगते हैं। मंदिर के सेवायत यानि पांडेय समाज के लोग भी देश-विदेश से आने बृज की होली का आनन्द लेने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को 100-100 वर्ष बसंत को देखने का आशीर्वाद देते हैं।

होली पर कोड़े भी यहां दिखते हैं महाप्रसाद

होली प्रसिद्ध है बरसाने की। बरसाने की लट्ठमार होली देखने दूर-दूर से लोग आते है। होली से पूर्व की एकादशी को नन्द ग्राम के गोप ढालें लेकर बरसाने आते हैं। ऐसे ही मथुरा में दाऊजी होली लट्ठ के स्थान पर कपड़े के कोड़े से खेली जाती है और भंग की रंग में गोप गोपकाओं के कोडे़ खाते ही रहते हैं।

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बृ़ज में होली कब और कहां

16 मार्च- रमणरेती आश्रण में रंग गुलाल की होली

22 मार्च- बरसाना में लड्डू की होली

23 मार्च- बरसाना में लठमार होली

24 मार्च- नंदगांव में लठमार होली

25 मार्च- श्रीकृष्ण जन्मस्थान में लठमार होली, बांकेबिहारी मंदिर में होली

27 मार्च- गोकुल में छड़ी मार होली

28 मार्च- होलिका दहन

29 मार्च- रंगो वाली होली

29 मार्च- बलदाऊजी के प्रांगण में गोप-गोपिकाओं का नृत्य

30 मार्च- मंदिर परिसर में दाऊ जी का हुंरगा