गाजा में इजरायली हमले में 16 की मौत, आश्रय स्थल पर अटैक में महिलाएं और बच्चे घायल I

गाजा में इजरायली हमले में 16 की मौत, आश्रय स्थल पर अटैक में महिलाएं और बच्चे घायल

गाजा । गाजा में इजरायल की तरफ से हवाई हमले लगातार जारी हैं, वहीं ताजा हमले में 16 लोगों की मौत हो गई है। इसे लेकर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि आश्रय स्थल पर हमले में ज्यादातर बच्चे-महिलाएं शिकार बने हैं। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय की आपातकालीन सेवा ने बताया कि जबालिया इलाके में एक स्कूल पर हुए हमले में मारे गए लोगों में कम से कम पांच बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। इसने यह भी बताया कि कई लोग घायल हुए हैं। इस मामले में इजरायली सेना का कहना है कि वह केवल आतंकवादियों को निशाना बनाती है और नागरिकों की मौत के लिए हमास को दोषी ठहराती है क्योंकि उसके लड़ाके घनी आबादी वाले इलाकों में काम करते हैं। नवीनतम हमले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई।

बता दें कि, यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सप्ताह सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर जा रहे हैं। दो महीने पहले युद्धविराम समाप्त करने के बाद, इजरायल गाजा पट्टी में युद्ध को और तेज कर रहा है, जहां भोजन, दवा और अन्य आपूर्ति पर 10 सप्ताह की नाकाबंदी के कारण मानवीय संकट और भी बदतर हो गया है।

अमरीकी बंधक को 48 घंटे में रिहा करेगा हमास

हमास ने कहा कि युद्ध विराम के प्रयास में, इजायल की तरफ से नाकाबंदी किए गए क्षेत्र में क्रॉसिंग को फिर से खोलने और क्षतिग्रस्त एन्क्लेव में सहायता वितरण को फिर से शुरू करने के प्रयासों के तहत गाजा में अंतिम जीवित अमरीकी बंधक को रिहा किया जाएगा। हमास के अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें अगले 48 घंटों में एडन अलेक्जेंडर की रिहाई की उम्मीद है। वहीं ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ ने इसकी पुष्टि है कि हमास ने ट्रंप के प्रति सद्भावना के तौर पर अलेक्जेंडर को रिहा करने पर सहमति जताई है। मार्च में इजरायल की तरफ से युद्ध विराम तोडऩे के बाद पहली बंधक रिहाई की घोषणा ट्रंप के इस सप्ताह मध्य पूर्व के दौरे से कुछ समय पहले हुई है। अलेक्जेंडर एक इजरायली-अमरीकी सैनिक है, जो संयुक्त राज्य अमरीका में पला-बढ़ा है।

इजरायल की तरफ से गाजा की नाकाबंदी के कारण अकाल की आशंका है अस्पताल के मरीज सबसे कमजोर लोगों में से हैं क्योंकि गाजा में फिलिस्तीनी लोग खुद का पेट भरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।